ईमानदारी के लिए जाने जाने वाले कर्पूरी ठाकुर के जननायक बनने के पीछे उनका व्यक्तित्व और विचार था। हाशिए समाज को जोड़ने के पीछे उनका बहुत बड़ा हाथ था।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पुत्र से बात की और बहुत सारी बधाई दी कर्पूरी ठाकुर का बिहार के विकास में बहुत बड़ा हाथ था।
कर्पूरी ठाकुर एक बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। और दशकों तक विधायक और बिरोदी दल के नेता रहे 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वह कभी नहीं चुनाव हारे।
जन्म और मृत्यु कब हुआ
कर्पूरी ठाकुर का जन्म (24 जनवरी 1924) को हुआ और उनका मृत्यु (17 फरवरी 1988) को 64 साल के उम्र में हुआ।
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